कुण्डली के नौ ग्रहों में राहु एक प्रमुख स्थान रखता है, इसे छाया ग्रह भी कहा जाता है । यह जिस भी ग्रह के साथ संयोग करता है वैसा ही फ़ल देने लगता है । राहु जन्म और कर्म के फल को प्रभावित करता है। राहु को द्रष्टि और उत्पादन का कारक माना जाता है। 27 नक्षत्रों में राहु आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी है। राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के विचारों, भावनाओं, धार्मिक आस्था, विद्या, विज्ञान, अध्ययन, बाहरी यात्राओं, रहस्यों, अभियांत्रिकी, तंत्र-मंत्र पर पड़ता है। राहु की मूल त्रिकोण राशि कर्क है ।
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उच्च या बली राहु का फ़ल:
राहु ग्रह वृष राशि में उच्च के होते हैं और राहु के बली होने पर जातक को बुद्धि, विद्या, बुद्धिमत्ता, अनुभव, विचारशीलता, यात्रा और सम्पन्नता प्रदान करता है। इसके साथ ही, राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति को नई और अनूठी अनुभूतियों का अनुभव करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा जातक की किस्मत को चमकाता है और प्रखर बुद्धि के साथ धर्म का पालन करने वाला बनाता है । समाज में मान-सम्मान और यश दिलाने का काम भी राहु करता है।
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कमजोर या नीच राहु का फ़ल:
राहु ग्रह वृश्चिक राशि में निश्चित अंश पर नीच का होता है । किसी भी जातक की कुण्डली में यदि राहु शुभ स्थिति में ना हो तो उसे शुभ के विपरीत प्रतिकूल फ़ल की प्राप्ति होती है । इसके प्रभाव से जातक के जीवन में अस्थिरता, असुरक्षा, अस्थायीत्व, भ्रम, आत्मविश्वास की कमी, मानसिक परेशानी, शारीरिक परेशानी, आर्थिक परेशानी, गुप्त भय, नौकरी व्यापार में उतार चढाव के साथ कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं ।
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राहु ग्रह की शान्ति और बलवान करने के उपाय:
ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह की शान्ति के लिये निश्चित संख्या या यथासामर्थ्य मन्त्र जाप , दान, स्नान, हवन, जड़ी-बूटी धारण, रत्न धारण करना, औषधि स्नान, व्रत, यन्त्र स्थापना और पूजन आदि का सुझाव दिया गया है ।
• शनिवार को राहु के वैदिक मन्त्र, लौकिक मन्त्र, राहु गायत्री मन्त्र या बीज मन्त्र का यथाशक्ति जाप करना चाहिये ।
• राहु यन्त्र की स्थापना और पूजन करें ।
• गोमेद रत्न धारण करना चाहिये ।
• गोमेद रत्न का लोकेट बनाकर पहनना चाहिये ।
• शनिवार का व्रत रखना चाहिये ।
• सप्तधान्य, गोमेद, सीसा, ताम्र पात्र, तेल, काले पुष्प, नीला वस्त्र, नारियल, कंबल आदि दान करें
• लोबान, तार्पीन, मोथा, गजदन्त, कस्तूरी, बिल्वपत्र, लाल चन्दन, गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें ।
राहु ग्रह की शान्ति हेतु मन्त्र:
राहु का वैदिक मंत्र: ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा। कया शचिष्ठया वृता।।
राहु का तांत्रिक मंत्र: ॐ रां राहवे नमः
राहु का बीज मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
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