गुरु के अस्त होने का समय
17/01/2021- गुरु के अस्त (15:52 pm)
गुरु के अस्त होने का फ़ल
देवगुरु वृहस्पति 17/01/2021 को दोपहर 15:52pm पर अस्त होंगे । और इसी के साथ सभी मांगलिक कार्य अर्थात विवाहादि शुभ कार्य वर्जित होंगे । शुभ ग्रह वृहस्पति का अस्त होना सभी राशियों के लिये शुभ संकेत नहीं है ।
अत: आप सभी लोगों को चाहिये कि आपकी जन्मकुण्डली में देव गुरु वृहस्पति की स्थिति कैसी है ये किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य जी को जरूर दिखायें ।
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गुरु के अस्त होने का मेष राशि में प्रभाव -
देव गुरु वृहस्पति आपकी कुण्डली के दशम भाव में अस्त होंगे और इसके प्रभाव से आपको छोटे-बडों और समाज में किसी के साथ भी वार्ता करते समय भाषा की मर्यादा बनाये रखनी होगी ।
अन्यथा आपके मान सम्मान में कमी आ सकती है। काम-काज की स्थिति प्रभावित होगी और गलत निर्णयो का खामियाजा भी तत्काल भुगतना पड सकता है।
गलत निर्णयों की वजह से आर्थिक तंगी भी खल सकती है , अत: समझदारी भरा कदम उठाने से आप परेशनैयों से बच सकते हैं।
मकान-वाहन या अन्य प्रोपर्टी यदि खरेदनी हो तो दस्तावेज जांच लें क्योंकि कोई आपके साथ छल कर सकता है। मित्रों के भरोसे जरूरी या अहम कार्य छोडना इस दौरान मुसीबत पैदा कर सकता है।
पारिवारिक गतिविधिया यथावत चलती रहेंगी । भाग्य के भरोसे रहकर कोई भी योजना ना बनायें । वाहन आदि का इस्तेमाल यदि करते हों तो सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
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गुरु के अस्त होने का वृष राशि में प्रभाव -
भाग्य स्थान मे अस्त होंगे गुरु- इसलिये न भाग्य के भरोसे रहें और न ही किसी काम को अधूरा छोडें।
बुध्दि विवेक के साथ योजनाबध्द तरीके से काम करने की सोचें तो दिक्कतों का सामना नहीं करना पडेगा। इसके अलावा अपने सम्मान का ध्यान रखते हुये समाज में गतिविधियां आगे बढायें ।
इस बात का खास ध्यान रखें कि आपकी आय के स्रोत प्रभावित न हों। जीवन साथी के साथ विचारों का ताल-मेळ बिठानें की आवश्यकता होगी।
विद्यार्थियों के लिये समय अनुकूल है और प्रेम प्रसंगों के सन्दर्भ में एक दूसरे पर विश्वास बनाये रखें और दूसरी की बातों में आकर सम्बन्धों को खराब होने से बचाये। स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें ।
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गुरु के अस्त होने का मिथुन राशि में प्रभाव -
गोचर अष्टम भाव में होगा अत: आपको अनावश्यक खर्चों पर तत्काल रोक लागाने की जरूरत होगी और बडा निवेश या तो रोक दें या फ़िर अनुभवी क्षेत्र में ही करें।
उधार के लेन-देन में भी सावधानी बरतने की आपको सलाह दी जाती है । और दूसरों के मामले में जबरदस्ती घुसने की कोशिस ना करें
इससे आपके सम्बन्ध खराब हो सकते हैं और और पैंसा भी खर्च हो सकता है। यदि आप मकान-वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं
और बहुत जरूरी ना हो तो थोडे समय के लिये इस योजना को टाल देना फ़ायदे की बात हो सकती है ध्यान दें ।
शिक्षा-साक्षात्कार के परिणाम मध्यम रहेंगे । स्वास्थ्य सम्बन्धि परेशानियों को हल्के में ना लें ।
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गुरु के अस्त होने का कर्क राशि में प्रभाव -
गोचर सप्तम भाव में होगा और साथ में सूर्य, शनि, बुध भी गोचर कर रहे हैं -इस गोचर के प्रभाव से आपके पारिवारिक मामले और जीवन साथी के साथ सम्बन्धों पर विशेष प्रभाव पडेगा ।
जिन लोगों के पारिवारिक सम्बन्ध पहले से ही खराब चल रहे हैं उन्हें सतर्क होकर काम करने की जरूरत है खासकर घरेलू मामलों में निर्णय जल्दबाजी में लेने की गलती ना दोहरायें।
सामाजिक मामलों में भी आपके द्वारा लिये गये निर्णय गलत साबित हो सकते हैं अत: सोच समझकर आगे बढें।
किसी भी मामले में व्यर्थ की बयान बाजी से बचें। आय के स्रोतो में कमी आ सकती है या आय कम और खर्चे एकाएक बढ सकते हैं।
भाई-बहिनो के साथ रिश्तो कीं गरिमा को समझें और बनाये रखें , ये आपके हित में होगा। अपने काम के महत्व को समझें और खुद को व्यस्त रखने का प्रयास करें।
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गुरु के अस्त होने का सिंह राशि में प्रभाव -
गोचर छठे भाव में हो रहा है- कुछ मामलों में निवेश किया गया धन अटक सकता है, भले ही ये आपको बाद में वापस मिल सकता है।
काम के नये अवसर मिलेगें लेकिन निर्णय लेने में दुविधा हो सकती है । रिस्क लेकर काम करने की अभी कोई आवश्यकता नहीं हैं
जो चीजें जैसी चल रही हैं वैसे ही आगे बढायें। इस दौरान छोटी-मोटी यात्रा का संयोग बनेगा लेकिन सावधानी अपेक्षित हैं और यात्रा में अपने कीमती समान का ध्यान रखें।
परिवार की जरूरतों को पूरा करने में अधिक समय बीतेगा। आपको ध्यान रखना होगा कि अपने व्यवहार और बोल-चाल में संयम तथा क्रोध से खुद को दूर रखना होगा।
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गुरु के अस्त होने का कन्या राशि में प्रभाव -
गोचर पंचम भाव में हो रहा है- इस दौरान जो भी परिणाम आने वाले हैं शायद जैसा उम्मीद थी वैसा न हों
परन्तु हताश न हों और पूरे जी-जान से मेहनत जारी रखें क्योंकि आने वाला समय आपके पक्ष में दिखता है जो आपको एक बेहतर शुरुआत करने का मौका देगा।
यदि आपका कहीं से पैंसा आना है तो किसी कारणवश रुक सकता है या लेट हो सकता है , परन्तु मिल जायेगा।
सेहत का ध्यान रखे और वाहन आदि का प्रयोग सतर्कता के साथ करे खासकर यातायात के नियमो की अनदेखी करने से बचें।
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गुरु के अस्त होने का तुला राशि में प्रभाव -
गोचर चतुर्थ भाव में होगा इसके प्रभाव से काम-काज तो होगें लेकिन गति धीमी पड सकती है। योजनाबध्द तरीके से काम करने में आप दिक्कत महसूस करेंगे ।
घर में किसी के स्वास्थ्य को लेकर भी चिन्ता या व्यस्तता सम्भव है, जिससे काम प्रभावित होगा। मकान -वाहन आदि के निवेश में जल्दबाजी अभी करना उचित नहीं होगा ।
जीवन साथी पर अपना गुस्सा न निकालें बल्कि यथा स्थितियों को समझने का प्रयास करें।
कोई पुरानी शारीरिक परेशानी नये रूप में उभर कर आ सकती है अत: लापरवायी से बचें ।
शायद इस दौरान खुल कर खर्च न कर पायें परन्तु भविष्य के लिये अपनी जेब का ध्यान रखना समझदारी होगी। कुल मिलाकर ये समय मिला जुला रहेगा।
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गुरु के अस्त होने का वृश्चिक राशि में प्रभाव -
गोचर तीसरे भाव में होगा और इसके प्रभाव से निजी जीवन में खुद की कमियों का आंकलन करने का मौका मिलेगा।
जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता हो सकती है साथ ही विचार मिलाने में भी दिक्कतें महसूस होंगी। यहां तक कि ऐसा लगता है
कि जो लोग साझेदारी में काम करते हैं उन्हें भी अपने बिजनेस पार्टनर के साथ विचारों के ताल-मेल में दिक्कत महसूस होगी अत: हिसाब किताब में पारदर्शिता रखें।
धर्म कर्म में रुचि बढेगी और घर के बडे सदस्यों से जिस तरह के सहयोग की उम्मीद करते हैं शायद इस दौरान वैसा न मिल पाये ।
संयम रखें और उचित समय की प्रतिक्षा करें।
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गुरु के अस्त होने का धनु राशि में प्रभाव -
गोचर दूसरे भाव में- बोल चाल मे सावधानी, सामाजिक मान मर्यादा का ध्यान रख्ना होगा, किसी से भी झूठे वायदे न करें, शत्रु पक्ष को हल्के मे लेने की भूल न करें
किसी तरह की गुप्त परेशानी हो सकती है, स्वास्थ्य मे गिरावट महसूस हो सकती है, काम -काज को लेकर व्यर्थ की भाग दौड भी सम्भव है।
गुरु के अस्त होने का मकर राशि में प्रभाव -
गोचर लग्न भाव में- विद्यार्थी यदि मन मुताविक परिणाम चाहते हों तो भाग्य के भरोशे न रहकर समय के सदुपयोग मे लग जायें।
प्रेम प्रसंगो मे उतार चढाव सम्भव है। खुद की कही गई बात में फ़ंस सकते है , सामाजिक बयान बाजी ध्यान से करें
बोलते समय शब्दो का चयन ध्यान से करें, दाम्पत्य सुख मे कमी महसूस होगी, और भाग्य के भरोसे रहकर काम छोडना हितकर नही होगा।
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गुरु के अस्त होने का कुम्भ राशि में प्रभाव -
गोचर- द्वादश भाव में- यात्राओं का प्रसंग बनेगा लेकिन अनावश्यक खर्चो को रोक नहीं पायेगें। किसी भी चीज को लेकर मन मे शंकाये ज्यादा रहेगीं।
मकान, वाहन और प्रोपर्टी मे निवेश सतर्कता से करने की सलाह है। इस दौरान शत्रु पक्ष हावी रह सकता है
इसलिये सावधानी अपेक्षित। स्वास्थ्य को नजरन्दाज करना भारी पड सकता है।
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गुरु के अस्त होने का मीन राशि में प्रभाव -
गोचर एकादश भाव में- आलस्य हावी रह सकता है और पराक्रम में कमी आयेगी। शिक्षा साक्षात्कार देते समय आत्म विश्वास कमजोर महसूस होगा ।
प्रियजन किसी खास बात को लेकर अपनी नारजगी व्यक्त कर सकते हैं। जबकि विजनेस व्यापार मे कोई बडी डील होते-होते कुछ समय के लिये टल सकती है। संयम बनाये रखें।
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