संवत्सर 2080 में श्रावण मास के दो महीने होंगे। हर तीन साल में एक माह अधिक होता है जिसे अधिक मास (Adhik Maas), मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। ऐसा भी कह सकते हैं कि इस संवत्सर में 12 की बजाए 13 महीने होंगे। 18 जुलाई से 16 अगस्त 2023 तक अधिक मास रहेगा । श्रावण मास में अधिकमास एक लम्बे अन्तराल के बाद आ रहा है । अधिकमास सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच के अंतर का संतुलन बनाने के लिए होता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है, जो हर तीन वर्ष में लगभग 1 मास के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को बराबर करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है, जिसे अधिकमास का नाम दिया गया है।
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पुरुषोत्तम मास नाम क्यों पडा ?
हर मास का कोई न कोई देवता होता है । धर्म ग्रन्थों में इस सन्दर्भ में अनेक प्रसंग आते हैं कि जब इस महीने का देवता बनने को कोई तैयार नहीं हुये तो भगवान विष्णु ने आगे आकर स्वयं इस माह का देवता बनना स्वीकार किया। भगवन विष्णु का एक नाम पुरुषोत्तम भी है अत: इस माह को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाने लगा ।
श्रावण अधिक मास (Adhik Maas) का फ़ल:
शास्त्रों के अनुसार जिस वर्ष श्रावण अधिक मास (Adhik Maas) हो उस वर्ष पृथ्वी पर कहीं भी अशुभ घटना घट सकती है जैसे वर्षा की कमी हो सकती है, आगजनी हो सकती है, युध्द जैसे हालात पैदा हो सकते हैं प्राकृतिक प्रकोप हो सकते हैं, जन-धन की हानि हो सकती है और ज्योतिषीय घटना के आधार पर इस दौरान मंगल और शनि ग्रह में सम सप्तक योग बना हुआ है । इस वजह से अत्तर गोलार्ध के दक्षिणी देशों जैसे रूस, चीन, ताईवान, यूक्रेन, पाकिस्तान, आदि देशों में राजनीतिक उटा-पटक, भूकम्प आदि की सम्भवाना से जन धन की हानि का योग बना हुआ है।
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अधिक मास (Adhik Maas) में क्या किया जाना चाहिये:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुरुषोत्तम मास के दौरान शुभ संस्कारों को छोडकर अन्य यज्ञ- पूजा, पाठ, हवन और पुराणों की कथाओं जैसे श्रीमद् देवीभागवत, श्री भागवत पुराण, श्री विष्णु पुराण, शिवपुराण आदि का श्रवण, पठन, मनन विशेष रूप से फलदायी होता है। अधिकमास के अधिष्ठाता भगवान विष्णु हैं, इसीलिए इस पूरे समय में विष्णु मंत्रों का जाप विशेष लाभकारी होता है। अधिक मास में घी, सोना, चांदी, कांसा, अनाज, गुड़, चंदन, कर्पूर, केसर, कस्तूरी, गोरोचन, शंख, मोती की माला, वस्त्र, आदि दान करना पुण्य माना जाता है।
अधिक मास (Adhik Maas) या पुरुषोत्तम मास का बारह राशियों पर प्रभाव:- :
अधिकमास का मेष राशि पर प्रभाव:
यह मास आपको नया अनुभव प्रदान करता दिख रहा है। स्वयं या घर की साज सज्जा की चीजों में धन खर्च होगा। विवाहित लोग अच्छा दांपत्यजीवन बिता सकेंगे। घर में नये मेहमान के आने की खुश खबरी आनन्दित करेगी। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा का प्रोग्राम बन सकता है। भगवान विष्णु की पूजा अर्चना आपकी मनोकामना की पूर्ति करेगा।
अधिकमास का वृष राशि पर प्रभाव:
यह मास के दौरान घर में शांति और आनंद का वातावरण रहेगा। वाणी पर अंकुश रखने की सलाह दी जाती है। राजनैतिक व्यक्तियों के मान-सम्मान में वृद्धि होगी। चल-अचल सम्पत्ति का बंटवारा शांतिपूर्ण ढंग से होगा। भौतिक सुख-साधनों में वृद्धि होगी। महिलाओं का मन धर्म-कर्म में लगा रहेगा। मौसमी हिसाब के कारण शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है अत: सावधानी रखें। आपके लिये इस दौरान विष्णु सहस्र नाम का पाठ करना लाभदायी रहेगा।
अधिकमास का मिथुन राशि पर प्रभाव:
इस मास के दौरान आज आप खुद में ताजगी और आत्मविश्वास महसूस करेंगे। प्रारम्भ से ही काम्काजों में व्यस्तता रह सकती है परन्तु भाग्यबल आपके साथ रहेगा। नये सम्बन्धों में इजाफ़ा होगा। प्रियजन के साथ बैठकर भविष्य़ की योजनाओं पर काम करने के लिये अच्छा समय है। रिश्तेदारी से कोई आपसे आर्थिक मदद मांग सकता है अपनी जरूरतों के हिसाब से ही आगे बढें। श्रीमद्भगवत गीता का अध्ययन इस मास के दौरान निरन्तर करते रहना लाभकारी रहेगा।
अधिकमास का कर्क राशि पर प्रभाव:
इस मास के दौरान कठिनाइयों से बाहर निकलने के लिये नकारात्मक विचारों का त्याग करें और खुद पर यकीन रखें। भागीदारी के कार्यों में मतभेद होने की संभावना है अत: सम्भल कर कदम बढायें। आपको नए सम्बंध स्थापित करते समय सावधानी रखनी पड़ेगी। प्रियजन की सलाह आपके बडे काम आयेगी और धार्मिक यात्रा ध्यान पूर्वक करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान निरन्तर आप निरन्तर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मन्त्र का जाप करेंगे तो लाभ होगा।
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अधिकमास का सिंह राशि पर प्रभाव:
इस महीने विरोधियों से दूरी बनाकर रखें । अलग-अलग क्षेत्रों से लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे और शारीरिक मानसिक रूप से प्रसन्नता का अनुभव करेंगे । मित्रों के साथ मिलकर किसी धार्मिक स्थान की सैर करने का प्रोग्राम बन सकता है। दांपत्यजीवन अच्छा रहेगा और विपरीत लिंगी मित्रों के साथ आनंद मना सकेंगे। अविवाहित लोगों के विवाह की बात बन सकती है । आपके लिये भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।
अधिकमास का कन्या राशि पर प्रभाव:
वैवाहिक जीवन आनंदमय रहेगा और आप समाज में सम्मान प्राप्त करेंगे, साथ ही बुजुर्गों तथा उच्च पदाधिकारियों की तरफ से लाभ मिल सकता है। ऐसा भी सम्भव है कि उधार दिए हुए पैंसे वापस मिल जाये। किसी भी वजह से मानसिक तनाव उत्पन्न ना हो इसका जरूर ध्यान रखें । शान्ति और संयम से अपने कार्यों को अन्जाम देते रहें और मित्रों तथा सगे- सम्बंधियों के साथ बिताया गया समय यादगार रहेगा। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा, पूजा और दान करना आपके लिये शुभकारी रहेगा।
अधिकमास का तुला राशि पर प्रभाव:
आत्मविश्वास और निर्णयशक्ति में वृद्धि होने के कारण आप हरेक कार्य त्वरित निर्णय लेकर पूरा कर पायेंगे लेकिन कुछेक मामलों में भ्रमित भी रह सकते हैं। घर की जरूरतो को पूरा करने में आपको किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी और आप खुशी महसूस करेंगे। समाज में आपकी ख्याति बढेगी और लोग आपसे सलाह लेना पसन्द करेंगे। वैवाहिक जीवन सुखद अहसास देने वाला रहेगा। श्रीमद्भागवत पुरान का अध्ययन और श्रवण आपको लाभ देगा ।
अधिकमास का वृश्चिक राशि पर प्रभाव:
पूरे मास के दौरान अपने क्रोध पर नियन्त्रण रखने की सलाह है अन्यथा कोई बना बनाया काम बिगड सकता है। पारिवारिक सदस्यों के साथ मतभेद ना होने दें। अचानक कोई बडा खर्च सामने आने की संभावना दिखती है। किसी भी स्थिति में दूसरों के मामले में रुचि ना दिखायें ये आपके लिये उल्टा पड सकता है। बात अगर प्रियजन की करें तो वे आपकी किसी बात को लेकर नाराजगी जता सकते है, ध्यान रखें। घर की सुख शान्ति को बनाये रखने के लिये आप घर पर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करते हैं तो माहौल सकारात्मक बना रहेगा।
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अधिकमास का धनु राशि पर प्रभाव:
पूरे मास दैनिक कार्यों के अलावा घरेलू कार्यों में ज्यादा व्यस्तता बनी रह सकती है। यदि आप चाहें तो नई योजनाओं पर काम कर सकते हैं। भाइयों और पड़ोसियों का सहयोग मिलेगा और किसी धार्मिक यात्रा का भी प्रसंग बनता दिख रहा है। यदि आप परिवार या प्रियजन को कहीं घुमाने का प्रोग्राम बनाते हैं तो यात्रा के दौरान वार्तालाप और शब्दों का ध्यान रखें ताकि साथ के लोग आपकी बात का बुरा ना मानें , उनकी भावनाओं का खास ध्यान रखें । इसके अलावा कोई मित्र आपसे सलाह मांग सकता है। अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये भगवान विष्णु की पूजा अर्चना आपको लाभ देगी ।
अधिकमास का मकर राशि पर प्रभाव:
आपके मन में निरन्तर चल रहे नकारात्मक विचार खत्म होंगे और सकारात्मक माहौल बनेगा, जिससे लोगों के साथ रिश्तों में सुधार आयेगा। पारिवारिक वातावरण को मनोनुकूल बनाना आप पर निर्भर करेगा। खर्च अधिक होने के भी योग है। इस मास के दौरान अनैतिक प्रवृत्तियों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। सम्भव हो तो अधिक से अधिक समय प्रियजन या परिजनों के साथ गुजारें। धार्मिक स्थाल की यात्रा, स्नान, जप और दान से विशेष लाभ होगा।
अधिकमास का कुम्भ राशि पर प्रभाव:
व्यर्थ की दौड भाग रह सकती है परन्तु अन्य ग्रहों की विशेष कृपादृष्टि के पात्र भी बनेंगे। इस माह कोई अच्छी सी योजना बनायें और उसमें परिजनों को शामिल करें। बच्चों की जिद के चलते यात्रा का भी प्रोग्राम बन सकता है। पिता की तरफ से लाभ दायक समाचार मिलेगा और रिश्तेदारों के बीच आप चर्चा में रह सकते है। अविवाहितो के लिये किसी परिचित के माध्यम से रिश्ता आ सकता है। धार्मिक स्थाल की यात्रा, स्नान, जप और दान से विशेष लाभ होगा।
अधिकमास का मीन राशि पर प्रभाव:
भगवान विष्णु की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनायें पूर्ण होंगी और प्रारम्भ से ही आप खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करेंगे। साथ ही आत्मविश्वास के साथ भविष्य की योजनाओ पर काम कर सकेंगे। संतान पक्ष से भी लाभदायक समाचार मिलेगा। अपनी दिनचर्या के बीच परिजन और प्रियजन को भी समय दें, उन्हें कहीं घुमाने का प्रोग्राम बनाया जा सकता है। बिना मांगे किसी को सलाह देने से सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। आपके ऊपर भगवान की विशेष कृपा रहेगी।
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डॉ. वेदप्रकाश ध्यानी
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