आज हम इस ब्लोग के माध्यम से बात करते हैं कि रत्न कैसे काम करते हैं और रत्नों का हमारे जीवन के साथ क्या सम्बन्ध है साथ ही किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न ज्योतिषी द्वारा सुझाया जाता है । रत्न कैसे काम करते हैं हमारे लिए? इससे पहले ये जान लेना आवश्यक है कि मनुष्य का शरीर पंच तत्वों से मिलकर बने है और ये तत्व प्राकृतिक तत्व है जिसमें अग्नि, वायु, तेज , आकाश और जल से मिलकर हमारे शरीर की रचना हुई है । इन तत्वों के सन्तुलन से ही हम हमारे अन्दर जीवन, तेज, स्फ़ूर्ति, स्वस्थता,सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है । जब भी ये सन्तुलन बिगडता है तो हमारे स्वास्थ्य में गडबड होनी शुरु हो जाती है । हम तब तक स्वस्थ्य नहीं हो पाते जब तक प्राकृतिक तत्व किसी औषधि या रत्न के माध्यम से हमारे तत्वों में सही सन्तुलन न बना दें ।
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अब बात करते हैं कि आखिर रत्न क्या होते हैं ? रत्न प्राकृतिक होते हैं अर्थात ये हमें प्रकृति से उपहार स्वरूप प्राप्त हुए हैं । हमारे ऋषि मुनियों से अपनी कटोर तपस्या और मेहनत से इन रत्नों की पहचान करके ज्य्तोषीय दृष्टि से हमें पहनने का उत्तम सुझाव दिया है। कुछ रत्न तो बेशकीमती होते हैं , जो कि आम व्यक्ति की पंहुच से बाहर होते हैं ऐसे में रत्नों की जगह उपरत्न पहनने का सुझाव भी दिया गया है । रत्नों की अपेक्षा उपरत्न थोडा कम प्रभावी होते हैं । अर्थात इनका प्रभाव मिलता तो है लेकिन थोडा समय लेते हैं । ऐसा भी कह सकते हैं कि रत्नों का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व है जिसका लाभ उठाया जाना चाहिए ।
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रत्नों की गिनती कीमती आभूषणों के तौर पर भी किया जाता है। आजकल शादी-विवाह या फ़िर उपहार के तौर पर मंहगें रत्नों से जडे हार या अंगूठी अपने चाहने वालों को भेंट की जाती है । इससे इतना तो साफ़ है कि रत्नों के महत्व को हर कोई समझता है । नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने और अपने अन्दर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को निरन्तर बनाये रखने के लिए भी रत्नों को धारण किया जाता है । जो भी जातक ज्योतिष में विश्वास और आस्था रखते हैं वे ज्योतिषाचार्य द्वारा ग्रहों के आधार पर बताये गये रत्न को धारण करके अपने जीवन में बदलाव पाते हैं । जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए रत्न थैरेपी, कलर थैरेपी, मन्त्र थैरेपी, रुद्राक्ष थैरेपी आदि का सुझाव ज्योतिषाचार्य द्वारा दिया जाता है । इसीलिए रंग बिरंगे रत्न हमारे जीवन को खुशी और रंग बिखेर देते हैं जिससे हमारा जीवन खुशहाल हो जाता है । मंहगें क्रिस्टल के द्वारा रत्न चिकित्सा पद्धति के द्वारा इलाज करने का प्रचलन काफ़ी पुराना है । यहां तक कि लोग घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए भी रत्न और क्रिस्टल का उपयोग करते हैं । ये क्रिस्टल घर की नींव या घर के कमरों के अन्दर रखने से बाहर की नकारात्मक ऊर्जा अन्दर प्रवेश नहीं कर पाती और अन्दर की नकारात्मक ऊर्जा को ये शोषित करके सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं । रत्नों को जब भी धारण किया जाता है तो ये शरीर के अंग को स्पर्श कर रहे हों तभी इनका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पडता है । प्रत्येक रत्न का अपना कैमिकल फार्मुला होता है और ये प्रकाश के माध्यम से हमारे शरीर के तत्वों को प्रभावित करता है अर्थात रत्न के माध्यम से प्रकाश संप्रेषित होकर हमारे शरीर के रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है और हमारे तत्वों को संतुलित करता है जिसका हमे सीधा लाभ मिलता है । हम उम्मीद करते हैं कि आप बेहतर ढंग से समझ गये होंगे कि रत्न कैसे काम करते हैं ।
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